महानायक अमिताभ बच्चन का आज 83 वा जन्मदिन है। पांच दशकों से भी ज्यादा लंबे इस सफर में बिग बी ने सिर्फ फिल्में नहीं कीं, बल्कि उन्होंने हिंदी सिनेमा को एक नई परिभाषा दी है। 11 अक्तूबर 1942 को उनका जन्म हुआ ।
आज भी 83 की उम्र में उनका जोश और जज्बा युवा कलाकारों के लिए एक मिसाल है।1970 के दशक में ‘आनंद’ की संजीदगी से लेकर ‘जंजीर’ के गुस्से तक, बच्चन ने भारतीय नायक की छवि को हमेशा के लिए बदल दिया। ‘दीवार’ का विजय, ‘शोले’ का जय और ‘डॉन’ का बेखौफ अंदाज़, इन किरदारों ने उन्हें सिर्फ एक स्टार नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक प्रतीक (Cultural Icon) बना दिया।
लेकिन अमिताभ सिर्फ ‘एंग्री यंग मैन’ (Angry Young Man) बनकर नहीं रुके। उन्होंने ‘चुपके चुपके’ और ‘अमर अकबर एंथनी’ जैसी फिल्मों से साबित किया कि उनकी कॉमिक टाइमिंग भी लाजवाब है। ‘सिलसिला’ और ‘कभी कभी’ में उनका रोमांटिक अंदाज़ आज भी दिलों को छू जाता है।वक्त बदला, सिनेमा बदला, लेकिन अमिताभ नहीं बदले।
नई सदी में ‘मोहब्बतें’ के सख्त प्रिंसिपल से लेकर ‘ब्लैक’ के भावुक शिक्षक, ‘पा’ के बच्चे और ‘पीकू’ के ज़िद्दी पिता तक, उन्होंने हर किरदार में जान फूंक दी। आज भी ‘कल्कि 2898 AD’ में अश्वत्थामा के उनके किरदार को देखकर लगता है कि इस कलाकार की अभिनय की भूख अभी शांत नहीं हुई है।