हरियाणा के सीनियर आई.पी.एस. अधिकारी वाई. पूरन कुमार के परिवार ने आत्महत्या मामले में अभी तक पोस्टमार्टम के लिए सहमति नहीं दी है। पूरन कुमार की पत्नी डीजीपी शत्रुघ्न कपूर को हटाने और फिर उनकी गिरफ्तारी की मांग पर अड़ी है। सरकार इस मामले में नामजद आईपीएस अधिकारी नरिंदर बिजारनिया को रोहतक के पुलिस अधीक्षक पद से पहले ही हटा चुकी है, लेकिन परिवार उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहा है।
इस बीच, चंडीगढ़ पुलिस ने वाई. पूरन कुमार आत्महत्या मामले में एससी/एसटी एक्ट की धारा में संशोधन किया है। एससी/एसटी एक्ट की धारा 3(1)(आर) को अब धारा 3(2)(वी) से बदल दिया गया है, जिसमें आजीवन कारावास और जुर्माने का प्रावधान है।
अमनीत पी. कुमार ने चंडीगढ़ की एसएसपी कंवरदीप कौर को एक पत्र लिखकर कहा कि सेक्टर 11 थाने में दर्ज एफआईआर संख्या 156 में इस्तेमाल की गई एससी/एसटी एक्ट की धारा कमज़ोर है और मामला धारा 3(2)(वी) के तहत दर्ज किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि आरोपियों के नाम कॉलम में सूचीबद्ध नहीं थे। अब परिवार के अनुरोध पर इस धारा में संशोधन कर दिया गया है।