अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत को लेकर चौंकाने वाला कदम उठाया है। हाल ही में अमेरिकी संसद को सौंपे गए एक विशेष रिपोर्ट में भारत का नाम उन देशों की सूची में डाला गया है, जिन पर अवैध मादक पदार्थों के उत्पादन या तस्करी से जुड़े होने का संदेह है। इस लिस्ट में भारत के साथ चीन, पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे देशों का भी नाम है।
यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक और कूटनीतिक रिश्तों में पहले से ही तनाव मौजूद है। कुछ समय पहले ही अमेरिका ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लागू किया था, और अब यह नई रिपोर्ट दोनों देशों के संबंधों में और खटास ला सकती है।हालांकि रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट किया गया है कि भारत को ‘ड्रग ट्रांजिट कंट्री’ यानी मादक पदार्थों के पारगमन का क्षेत्र माना गया है, न कि उत्पादक देश। साथ ही भारत द्वारा ड्रग तस्करी पर लगाम लगाने के लिए उठाए गए कदमों की सराहना भी की गई है।
रिपोर्ट में यह उल्लेख है कि भारत ने इस वैश्विक समस्या से निपटने के लिए कई कठोर और प्रभावी कदम उठाए हैं।रिपोर्ट में चीन पर आरोप लगाया गया है कि वह अवैध ड्रग्स निर्माण में इस्तेमाल होने वाले रसायनों का उत्पादन करता है, जो अमेरिका में फैले ओपिओइड संकट का एक बड़ा कारण बन चुके हैं। वहीं पाकिस्तान को ड्रग कार्टेल और पारगमन नेटवर्क के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।
अफगानिस्तान की बात करें तो वहां तालिबान के नियंत्रण वाले इलाकों में अफीम का उत्पादन बड़े पैमाने पर जारी है।यह रिपोर्ट ‘प्रेजिडेंशियल डिटर्मिनेशन’ के तहत जारी की जाती है, जो अमेरिकी राष्ट्रपति को विशेष कार्रवाई के अधिकार देती है। इस दस्तावेज़ के जरिए अमेरिका यह तय करता है कि किन देशों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है या जिनके साथ ड्रग्स से संबंधित समझौते करने की जरूरत है।इस रिपोर्ट के आने के साथ ही ट्रंप प्रशासन ने चीन से कड़ी कार्रवाई की मांग की है, खासकर उन रासायनिक निर्माताओं पर जो अमेरिका में जानलेवा ड्रग्स की सप्लाई के लिए जिम्मेदार हैं।