लोकसभा के शीतकालीन सैशन का आज पांचवा दिन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने के मौके पर विशेष बहस की चर्चा शुरू की। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, जिस मंत्र ने, जिस जयघोष ने देश की आजादी के आंदोलन को ऊर्जा दी थी, प्रेरणा दी थी, त्याग और तपस्या का मार्ग दिखाया था, उस वंदे मातरम का पुण्य स्मरण करना हमारा सौभाग्य है।
गर्व की बात है कि वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने पर इस ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बन रहे है।पीएम मोदी ने आगे कहा कि, एक ऐसा काल खंड, जो हमारे सामने इतिहास की अनगिनित घटनाओं को सामने लेकर आता है। यह चर्चा सदन की प्रतिबद्धता को तो प्रकट करेगा ही, आने वाली पीढ़ी के लिए भी शिक्षा का कारण बन सकती है।
अगर हम सब मिलकर इसका सदुपयोग करें तो। अभी अभी हमने संविधान के 75 वर्ष गौरव पूर्वक मनाए। पीएम मोदी ने कहा कि, देश बिरसा मुंडा और सरदार पटेल की 150वीं जयंती भी मना रहा है. गुरुतेग बहादुर जी के 350वां बलिदान दिवस भी मनाया।वंदे मातरम की 150 सालों की यात्रा अनेक पड़ावों से गुजरी है. पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, वंदे मातरम का जब 50 साल पूरा हुआ तब देश गुलामी में जीने के लिए मजबूर था।
वंदे मातरम के 100 साल पूरे हुए तब देश आपातकाल की जंजीरों में जकड़ा हुआ था। तब भारत के संविधान का गला घोंट दिया गया था। जब वंदे मातरम 100 साल का हुआ तब देश भक्ति के लिए जीने मरने वाले लोगों को सलाखों में बंद कर दिया गया था। तब एक काला कालखंड उजागर हुआ।



