शीतकालीन सेशन के छठे दिन लोकसभा में आज राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ की 150वीं वर्षगांठ पर चल रही ऐतिहासिक चर्चा के दौरान कांग्रेस की प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार पर निशाना साधा।प्रियंका गांधी ने इस बहस में हिस्सा लेते हुए ‘वंदे मातरम’ की तारीफ की और कहा कि यह भारत की आत्मा का हिस्सा बन चुका है।
हालांकि, उन्होंने तुरंत सवाल उठाया कि सरकार वास्तव में यह बहस क्यों करवाना चाहती थी। उन्होंने सवाल किया, “हमें पता है कि आप यह बहस क्यों चाहते थे”। प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण पर टिप्पणी करते हुए कहा कि “पीएम मोदी बहुत अच्छा भाषण देते है, लेकिन तथ्यों के मामले में कमजोर पड़ जाते हैं”।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि सरकार इस विशेष चर्चा के पीछे वास्तविक स्वतंत्रता सेनानियों से लोगों का ध्यान हटाना चाहती है। उन्होंने सरकार पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि सरकार भविष्य के बारे में सोचना नहीं चाहती और अतीत में जी रही है।प्रियंका गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने इस चर्चा को इसलिए लाया है क्योंकि पश्चिम बंगाल में चुनाव होने वाले हैं।
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि सरकार चुनाव सुधारों पर बहस नहीं करवाना चाहती थी जब तक यह ‘वंदे मातरम’ चर्चा न लाई जाती।सदन में वंदे मातरम पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय गीत पर चर्चा करने की कोई जरूरत नहीं होनी चाहिए क्योंकि यह देश के हर कण में समा गया है और देश की भावना से जुड़ा हुआ है।
केरल के वायनाड से लोकसभा सांसद ने यह भी दावा किया कि सत्ताधारी पार्टी ने भड़के मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए वंदे मातरम पर चर्चा शुरू की। प्रियंका गांधी ने कहा, “हमारा राष्ट्रीय गीत उस भावना का प्रतीक है जिसने भारत को गुलामी की नींद से जगाया।” उन्होंने कहा, “हम अपने सदन में राष्ट्रीय गीत पर चर्चा कर रहे हैं। हम इस पर बहस क्यों कर रहे हैं?
हम यह बहस दो कारणों के कारण कर रहे हैं। पहला कारण यह है कि पश्चिम बंगाल की चुनाव आ रहे हैं और प्रधानमंत्री इसमें अपनी भूमिका निभाना चाहते हैं।दूसरा कारण उन लोगों पर नए आरोप लगाना है जिन्होंने देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी और कुर्बानी दी। सरकार भड़के मुद्दों से ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है।”
प्रियंका गांधी ने दावा किया कि यह सरकार वर्तमान और भविष्य की ओर नहीं देखना चाहती। उन्होंने आरोप लगाया, “प्रधानमंत्री मोदी का विश्वास घट रहा है, और उनकी नीतियां देश को कमजोर कर रही हैं।” उन्होंने दावा किया, “उनके अपने लोगों ने फुसफुसाना शुरू कर दिया है कि सारी शक्ति का केंद्रीकरण देश को नुकसान पहुंचा रहा है।”
प्रियंका गांधी ने व्यंग्य से कहा, “प्रधानमंत्री मोदी अच्छे भाषण देते हैं, लेकिन जब तथ्यों की बात आती है तो वह कमजोर हो जाते हैं। इसे जनता के सामने पेश करने की एक कला है। मैं नई हूं, जनता की प्रतिनिधि हूं, कलाकार नहीं। इसलिए मैं कुछ तथ्य पेश करना चाहूंगी।”यह घटना संसद के शीतकालीन सत्र के छठे दिन की है, जहां प्रधानमंत्री मोदी ने बहस की शुरुआत की थी। कांग्रेस ने गौरव गोगोई और प्रियंका गांधी को इस चर्चा के लिए चुना था।



