श्री अकाल तख्त साहिब के सेक्रेटेरिएट दफ्तर में आज पंज सिंह साहिबान की एक बहुत ही महत्वपूर्ण मीटिंग हुई। इस मीटिंग की अध्यक्षता कार्यकारी जथेदार सिंह साहिब ज्ञानी कुलदीप सिंह गढ़गज ने की।
मीटिंग में तख्त श्री दमदमा साहिब के जथेदार ज्ञानी टेक सिंह, सच्चखंड श्री हरिमंदिर साहिब के ग्रंथी ज्ञानी केवल सिंह, तख्त श्री केसगढ़ साहिब के हेड ग्रंथी ज्ञानी जगिंदर सिंह और श्री अकाल तख्त साहिब के पंज प्यारे ज्ञानी मंगल सिंह शामिल हुए।इस दौरान सिख धर्म, मर्यादा और संगत से जुड़े कई धार्मिक तथा प्रबंधकीय मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई।
लंबे समय से लंबित पड़े मामलों पर मार्गदर्शन लेते हुए भविष्य के लिए कुछ महत्वपूर्ण रणनीतियां और दिशा-निर्देश स्थापित किए गए।मीटिंग में विचार किए गए मामलों में विरसा सिंह वल्टोहा, पूर्व जथेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह, वाइस-चांसलर कर्मजीत सिंह, प्रचारक हरिंदर सिंह (निहंग बाणा), और भाषा विभाग के डायरेक्टर जसवंत सिंह शामिल थे।
विरसा सिंह वल्टोहा ने अकाली दल नेतृत्व के खिलाफ अपमानजनक भाषा के लिए माफी मांगी, जिसके बाद उन पर लगभग 10 साल पुरानी पाबंदी हटा दी गई और उन्हें श्री हरिमंदिर साहिब, तरन तारन, दमदमा साहिब तथा केसगढ़ साहिब में सेवा करने का हुक्म जारी किया गया।
वाइस-चांसलर कर्मजीत सिंह को दक्षिण भारत में उनके विवादास्पद बयान के लिए दो दिन हरिमंदिर साहिब में सेवा और नितनेम की सजा सुनाई गई।पूर्व जथेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह को लंगर की सेवा करने, पाठ करने और 1100 रुपये की देग चढ़ाने का हुक्म दिया गया।प्रचारक हरिंदर सिंह को सेवा, पाठ और देग चढ़ाने के साथ-साथ उनके प्रचार पर लगी पाबंदी से मुक्त कर दिया गया।
भाषा विभाग के डायरेक्टर जसवंत सिंह को दुख निवारन साहिब में सेवा और गुरु तेग बहादुर साहिब की जीवनी की 100 प्रतियां वितरित करने का आदेश दिया गया।पंज सिंह साहिबान ने स्पष्ट संदेश दिया कि धार्मिक पदों पर बैठे लोगों को अपनी बोली, आचरण और शिष्टाचार के प्रति विशेष रूप से सतर्क रहना चाहिए।



